न्यूयॉर्क। अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले जो बाइडन ने पदभार संभालते ही सबसे पहले जिस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर अपने हस्ताक्षर किए वो पेरिस समझौते में वापस आने के थे। इसके अलावा उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से दोबारा जुड़ने के आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं। गौरतलब है कि पेरिस समझौते से बाहर निकलने का एलान 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था। जबकि 2016 में इस समझौते पर तत्कालीन विदेश मंत्री जॉन कैरी ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने 2020 में डब्ल्यूएचओ से भी बाहर होने का एलान किया था।
राष्ट्रपति के तौर पर पेरिस समझौते से अमेरिका के वापस जुड़ने का हर किसी ने स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र भी इसमें पीछे नहीं रहा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि वो अमेरिका के दोबारा इसमें शामिल होने का खुले दिल से स्वागत करते हैं। अपने एक बयान में महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि वो जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए अमेरिका के नए नेतृत्व के साथ काम करने को उत्सुक हैं। यूएन की तरफ से ये भी जानकारी दी गई है कि डब्ल्यूएचओ से दोबारा जुड़ने का आदेश इस वर्ष जुलाई में अमल में आ जाएगा। दोनों संगठनों के प्रमुखों ने इस पर खुशी जताते हुए कहा है कि इससे कोरोना महामारी पर लगाम लगाने में भी मदद जरूर मिलेगी।
यूएन प्रमुख ने इस अवसर पर कहा कि अमेरिका एक बार फिर से उस समझौते से जुड़ गया है जिसपर 194 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। जलवायु संकट से निपटने के लिये बने इस गठबंधन में अमेरिका का गर्मजोशी से स्वागत है। उन्होंने ये भी कहा कि दिसंबर 2020 में जो शिखर वार्ता हुई थी उसमें कार्बन प्रदूषण के लिये जिम्मेदार देशों ने इसमें 50 फीसद की कमी लाने का संकल्प किया है। बाइडन द्वारा इस समझौते में दोबारा शामिल होने का संकल्प इस आंकड़े को और बढ़ा देगा। हालांकि अभी लक्ष्य पूर्ति के लिए हमें काफी लंबा सफर तय करना होगा। उन्होंने पूरी विश्व बिरादरी को इस बात के लिए चेताया कि मौजूदा समय में धरती का तापमान बढ़ना लगातार जारी है और इसको 1.5 डिग्री सेल्सिय तक सीमित करने का समय हाथ से निकला जा रहा है। इसलिए हमें उपाय तेज करने होंगे। आपको बता दें कि वर्ष 2015 में हुए इस समझौते में दुनिया ने मिलकर धरती के तापमान में हो रही तेजी को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने की योजना पर सहमत होकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया था।
इस दौरान युक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रेंडी ने भी जो बाइडन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अमेरिका शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए मिलकर काम करेगा। उन्होंने ये भी कहा कि बाइडन काफी समय से शरणार्थियों के लिये एक मजबूत पैरोकार रहे हैं। ऐसे में वो इस काम को तेजी से आगे बढ़ा सकेंगे। आपको बता दें कि ग्रेंडी का ये बयान इसलिए भी खास है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने पुनर्वास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत शरणार्थियों की संख्या में भारी कटौती कर दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने अपने यहां पर आने वाले कई देशों के मुस्लिम नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि अब बाइडन ने पहले की व्यवस्था को बहाल करने के संकेत देकर इनके प्रति नरम दिली जरूर दिखाई है।