बिश्केक। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव ने बिश्केक में 21 अक्टूबर तक आपातकाल की घोषणा कर दी है। उधर, राजधानी में सैनिकों की तैनाती के आदेश के बीच गोली चलने और विरोधी गुटों के बीच झड़पें भी देखने को मिल रही हैं। किर्गिस्तान की स्थिति पर रूस ने भी चिंता जताई है। इससे पहले राष्ट्रपति ने कहा था कि वह नई कैबिनेट की नियुक्ति होते ही त्यागपत्र दे देंगे।
राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति ने 9 अक्टूबर को एक डिक्री (आधिकारिक आदेश) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार बिश्केक में आपातकाल की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि बड़े स्तर पर होने वाली रैलियों और विरोध प्रदर्शनों में हिंसा होने के कारण नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में स्थिरता लाने के लिए भी लिया गया है। इस दौरान आंतरिक उप मंत्री अल्माजबेक ओरोजालिव कमांडेंट के रूप में काम करेंगे। साथ ही शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा।
गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति को हिरासत से छुड़ाया
बता दें कि मंगलवार को प्रदर्शनकारियों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया और उन्होंने तड़के देश की संसद पर धावा बोलते हुए सरकार और सुरक्षा मुख्यालय में तोड़फोड़ की। गुस्साए लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति अलमाजबेक अतमबयेव को भी हिरासत से छुड़ा लिया। राष्ट्रपति सूरनबे जीनबेकोव ने इस हरकत को सियासी ताकतों द्वारा सत्ता पर अवैध कब्जे की कोशिश बताया था। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चुनाव नतीजों को रद्द किया जाए।
चुनाव में धांधली का आरोप
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि चुनाव में वोट खरीदे गए थे जिसके विरोध में आक्रामक प्रदर्शन जारी हैं। हालांकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को उनके अनुरोध पर विचार करके नतीजों को रद्द कर दिया। पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने बिश्केक के सेंट्रल चौराहे पर राष्ट्रपति और संसद भवन की इमारत में तोड़फोड़ कर डाली।