रायपुर. छत्तीसगढ़ में प्रवासी मजदूरों की वापसी, दूसरे राज्यों में फंसे सामान्य लोगों का ई-पास लेकर आना और बड़ी संख्या में लोगों का चोरी-छिपे सीमा पार कर दाखिल होना, कोरोना के संक्रमण को बढ़ा रहा है। स्थिति यह है कि प्रदेश में पहला कोरोना संक्रमित मरीज 18 मार्च को रायपुर में मिला था। समता कॉलोनी की रहने वाली 23 वर्षीय युवती लंदन से लौटी थी और संक्रमित पाई गई थी। इसके 40 दिन यानी की 28 अप्रैल तक प्रदेश में संक्रमित मरीजों के आंकड़ों का ग्राफ 37 तक ही पहुंचा था। इनमें अधिकांश विदेश से लौटने वाले थे। तो वहीं 27 कटघोरा के तबलीगी जमात के लोग थे। जिन्हें दिल्ली मरकज से लौटे महाराष्ट्र के 42 वर्षीय व्यक्ति ने संक्रमित किया था। मगर, 28 अप्रैल से 18 मई की स्थिति में यह आंकड़ा 92 जा पहुंचा है।
'पत्रिका' ने पहला पॉजिटिव मरीज मिलने के 60 दिन बीतने पर पड़ताल की। गणना करें तो शुरुआती 40 दिनों में लगभग हर रोज 1 मरीज मिल रहा था, मगर बाद के 20 दिनों में हर रोज 2.5 मरीज संक्रमित पाए जा रहे हैं, जिस तरह से लोगों की वापसी का सिलसिला जारी है, जानकारों का कहना है कि यह आंकड़ा बढ़ेगा और तेजी से बढ़ेगा।
इसकी दो प्रमुख वजहें
पहला
जिला प्रशासन (कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाह रहा है। इसलिए सैंपल की संख्या बढ़ा दी गई है।
दूसरा
बाहर से आने वालों पर 100 प्रतिशत निगरानी नहीं है, न रखे जाने का शासन-प्रशासन दावा कर सकता है।
ग्रीन जोन जिलों में मिल रहे संक्रमित मरीज
प्रदेश में कोरोना फेज-2 में अब ग्रीन जोन वाले जिलों में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। अब तक रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कोरबा, सूरजपुर, सरगुजा, कबीरधाम, दुर्ग-भिलाई, बालोद, बलौदाबाजार, जांजगीर चांपा और गरियाबंद जिलों में मरीज मिल चुके हैं। गाइडलाइन के मुताबिक ये जिले रेड जोन में होंगे। मगर, निर्णय राज्य सरकार को लेना है।
कोरोना से लडऩे के लिए कितना तैयार छत्तीसगढ़
उपलब्ध बेड
कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को कोविड१९ हॉस्पिटल में परिवर्तित किया गया है और कुछ अस्पतालों में यह काम जारी भी है। अब तक इन अस्पतालों में सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए ३,३३६ बेड आरक्षित किए जा चुके हैं। जिनमें से जनरल वार्ड 2,814, आईसीयू 522 और वेंटिलेटर सिस्टम सहित 280 बेड हैं।
उपलब्ध दवाएं
कोरोना के मरीजों के उपचार में अहम रोल अदा करने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की प्रदेश में ७,६९,७९० गोलियां हैं। इसके अलावा लोपिनाविर, पैरासिटामॉल, एजिथरोमाइसिन और क्लोरोक्वीन भी पर्याप्त मात्रा में हैं।
उपलब्ध मेडिकल उपकरण
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के पास 30,727 एन 95 मॉस्क हैं, जबकि 36,444 पीपीई किट हैं। 9,16,494 ट्रिपल लेयर मॉस्क हैं। 19,257 वीटीएम किट हैं। हालांकि जिस गति से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, यह उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। सरकार को जल्द से जल्द स्टॉक बढ़ाना होगा।
आप भी करें सहयोग
सूचना दें-
स्वास्थ्य विभाग बार-बार यह अपील कर रहा है कि आपके गली, मोहल्ले, कॉलोनी में बाहर से कोई व्यक्ति आकर रह रहा है। या छिपा है तो 104 पर सूचना दें, ताकि उस तक पहुंचकर जांच करवाकर क्वारंटाइन किया जा सके। सूचना देने वालों का नाम-पता गोपनीय रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले रायपुर के अश्विनी नगर में दो लोग मुंबई से लौटे। जब तक पुलिस पहुंची,ये गायब हो चुके थे।
सावधानी बरतें
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाएं, जाएं तो मॉस्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। नमस्ते करें, हाथ हर्गिज न मिलें।
जितने ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे उतने ज्यादा टेस्ट लगेंगे। और जितने ज्यादा टेस्ट लगेंगे तो पॉजिटिव आने की आशंका रहेगी। यह अच्छा भी है क्योंकि हमें लोगों को संक्रमण मुक्त करना है।
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग