इंदौर। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने हाल ही में मध्यप्रदेश को मिलने वाली ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हो गया था। इस पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर स्थगन दे दिया है। इसे मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की बड़ी जीत माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने मध्यप्रदेश को आक्सीजन सप्लाई नहीं करने के फैसले पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई रोकने के लिए 7 सितंबर को आदेश दिया था। इस पर महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय इंदौर (एमवाय अस्पताल) की ओर से याचिका लगाई गई थी। न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और शैलेंद्र शुक्ल की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश तक महाराष्ट्र सरकार को निर्देश जारी किए है कि मेडीकल ऑक्सीजन की पूर्ति मध्यप्रदेश को निर्बाध रूप से जारी रहे।
मध्य प्रदेश शासन की और से तर्क रखते हुए महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव के साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने रखे। महाधिवक्ता कौरव ने तर्क रखा कि कोई भी प्रदेश सरकार कोरोना मरीजों के बीच भेदभाव नहीं कर सकती। माननीय न्यायालय ने आगामी तिथि तक निर्बाध सप्लाई के आदेश दिए।
शिवराज ने की थी उद्धव से बात
आक्सीजन सप्लाई रोकने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की थी। इस पर उद्धव ठाकरे ने आश्वासन दिया था, लेकिन फैसला नहीं हुआ था। गौरतलब है कि आईनॉक्स कंपनी के ज्यादातर प्लांट महाराष्ट्र में है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने आक्सीजन सप्लाई बंद कर कहा था कि सिर्फ महाराष्ट्र में ही आक्सीजन दी जाएगी। ऑक्सीजन सप्लाई रोकने के बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में आक्सीजन का संकट उत्पन्न हो गया था। महाराष्ट्र से सप्लाई बंद होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने मदद की और आक्सीजन सिलेंडरों की एक खेप जबलपुर भेजी भी गई है।