जांजगीर-चांपा. दुष्कर्म मामले में फंसे निलंबित आईएएस जनक प्रसाद पाठक (Suspended IAS officer Janak Prasad Pathak) को बिलासपुर हाइकोर्ट (Bilaspur High Court) से बड़ी राहत मिली है। जांजगीर के पूर्व कलेक्टर रहे जनक प्रसाद को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ में सुनवाई हुई जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से शशांक ठाकुर, आशुतोष पाण्डे और हिमांशु सिन्हा वकील के तौर पर पैरवी की।
कोर्ट ने यह कहकर आईएएस अग्रिम जमानत का लाभ दिया कि पूरी एफआईआर पढ़ने के बाद यह स्पष्ट होता है कि एफआईआर देर से कराई गई, इससे मामला कमज़ोर हो रहा है। मामले की कहानी विश्वसनीय प्रतीत नहीं हो रही है। पीड़ित पक्ष से सरफराज खान और राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी ने आपत्ति दर्ज की थी।
बता दें कि जांजगीर-चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज है। दुष्कर्म पीड़ित महिला ने पूर्व कलेक्टर पर एनजीओ में बड़ा काम दिलाने का प्रलोभन देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया। एफआईआर दर्ज होने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद पूर्व कलेक्टर जेपी पाठक को निलंबित कर दिया गया है।