रायपुर। एक तरफ प्रदेश में हजारों डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। दूसरी ओर सैकड़ों एेसे लोग हैं जो इस संकट काल में दूसरे विभाग में आराम फरमा रहे हैं। कई डॉक्टरों ने इस युद्ध में अपनी जान तक देदी। दूसरी ओर एेसे भी स्वास्थ अधिकारी कर्मचारी हैं जो अपने पेशे का दायित्व भूल गए हैं। राजधानी ही नहीं पूरे प्रदेश में डॉक्टरों, चिकित्सा शिक्षा अधिकारियों समेत अन्य संवर्ग के स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग से कई अधिकारी और कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर खाद्य विभाग, शिक्षा विभाग, विधायकों और मंत्रियों के कार्यालय डंटे हुए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग के कोरोना से लड़ाई कमजोर पड़ रही है। इसके लिए बीते वर्षों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शासन में पत्र भेजा था। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संवर्ग के कई अधिकारी विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
खाली पद कर रहे हैं इंतजार
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा अधिकारी के स्वीकृत पद में से सिर्फ आधे ही कार्यरत हैं। इसके अलावा सभी नगरीय निकायों में हेल्थ आफिसरों के पद खाली हैं। ऐसे ही साढ़े तीन सौ से अधिक पद खाली है। उसमें भी कई प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। दूसरे विभागों जैसे स्वास्थ्य, खाद्य, ग्राम विकास समेत कई विभागों से कम योग्यता, वेतनमान व अप्रशिक्षित लोग कई विभागों में प्रशासनिक अफसर तक बने हैं।
450 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित
अब तक प्रदेश में 450 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित होकर ठीक हुए और दोबारा काम पर लौटे भी गए। इसमें दो डॉक्टरों की जान भी जा चुकी है। एेसे विभाग ने आयुष डॉक्टरों और निजी डॉक्टरों की भी मदद ले रहा है। एेसे आपदा काल में विभाग का एक-एक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना सिपाही के बराबर है।
अभी भी इतने पद खाली
डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार प्रदेश में 25600 डॉक्टर होने चाहिए। लेकिन फिलहाल 1873 का ही सेटअप स्वीकृत है। इसमें भी 410 पद खाली हैं। छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ की आबादी के लिए यहां अभी 1463 डाक्टर ही मौजूद हैं। इसी तरह मेडिकल कॉलेज, रायपुर 78, मेडिकल कॉलेज, बिलासपुर 83, मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर 24, मेडिकल कॉलेज, रायगढ़ 29, मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर 26 पद खाली है।
मंत्री टीएस सिंह देव ने कल इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव से चर्चा कर जानकारी देने की बात कही है। यह खबर वर्जन के बाद कल प्रकाशित की जा सकती है। या विना वर्जन के भी प्रकाशित की जा सकती है।